देश के अंदर चुनाव का मौसम चल रहा है और सभी राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंकी हुए हैं।इस बार लोकसभा चुनाव को क्षेत्रीय दलों ने रोमांचक बना दिया है भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के अलावा क्षेत्रीय दल भी लोकसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत दिखा रहे हैं।पहले चार चरण के चुनाव के बाद आयी ख़ुफ़िया रिपोर्ट ने बीजेपी के चेहरे पर चिंता की लकीरो को और गहरा कर दिया है साथ ही साथ भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दलों की चिंताएं भी बढ़ा दी हैं।चार चरण के मतदान के बाद यूपीए से पीछे हो गया एनडीए
एक रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के बाद मंगवाई गयी इंटेलिजेंस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यूपीए ने एनडीए पर शिकंजा कस लिया है और वह कम से कम 30 सीट आगे चल रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में बीजेपी की हालत बेहद ख़राब है यहाँ वह एक- दो सीटों से आगे नहीं बढ़ती दिखाई दे रही। वहीँ गुजरात में भी बीजेपी का प्रदर्शन 2014 के मुकाबले फीका पड़ने की सम्भावना है।मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण के केरल में कांग्रेस की अगुवाई वाले यूडीएफ गठबंधन को 20 में से कम से कम 15 सीटें मिल सकती हैं। वहीं पड़ोसी तमिलनाडु और केंद्रशासित पुडुचेरी की कुल 40 सीटों में से कांग्रेस-डीएमके गठबंधन को भारी सफलता मिल सकती है।वहीँ कर्नाटक में भी कांग्रेस जेडीएस गठबंधन का प्रदर्शन अच्छा रहने की उम्मीद है और यह गठबंधन कम से कम 20 सीटें जीत सकता है।
रिपोर्ट में महाराष्ट्र को लेकर दावा किया गया है कि यहाँ कांग्रेस एनसीपी गठबंधन कम से कम 30 सीटें जीतने की स्थति में हैं। राज्य में बीजेपी शिवसेना गठबंधन को सबसे ज़्यादा नुकसान विदर्भ के लोकसभा क्षेत्रो में होता दिख रहा है।हालाँकि बीजेपी नेता अभी भी अपनी चुनावी सभाओं में जीत और पूर्ण बहुमत के दावे कर रहे हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल भी इस बार 2014 के मुकाबले की स्थिति मजबूत बता रहे हैं और सहयोगी दलों का कहना है कि इस बार भारतीय 400 सीटों से अधिक जीत रही है।