कर्नाटक का सियासी संकट अजब गजब रोमांच भरा चल रहा है। कांग्रेस और जेडीएस के तर्क और बीजेपी के तर्क बार बार सामने आ रहे हैं।
आज दिन। भर विधानसभा मे चले सियासी ड्रामे के बाद गुरुवार को फ्लोर टेस्ट नहीं हो पाया. इस तरह से कुमारस्वामी सरकार को एक दिन और मिल गया है, तो वहीं बीजेपी की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा. बीजेपी को पूरा भरोसा था कि अगर विश्वास मत पर वोटिंग होती तो कुमारस्वामी सरकार गिर जाती पर आज चर्चा और बाद सदन के स्थगित होने से फ्लोर टेस्ट नही हुआ।
ऐसे में अब बीजेपी के पास क्या करेगी देखने वाला होगा
बीजेपी राज्यपाल के पास फिर से जा सकती है और कह सकती है कि विश्वास मत पर वोट के लिए एक समय सीमा तय की किया जाए पर क्या स्पीकर राज्यपाल के समय सीमा को मानेंगे इसे इसमें बहुत संदेह है. क्योंकि स्पीकर पहले भी राज्यपाल के ऐसे आदेश को अनदेखा कर चुके हैं।
अब बीजेपी के पास दूसरा विकल्प ये है कि वो अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है. अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार किए जाने के लिए स्पीकर 14 दिन का समय ले सकते हैं।
ये भी कहा जा रहा है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों अपने अपने तर्को और मांगो के साथ सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।
फैसला जो भी हो पर कर्नाटक का सियासी नाटक का अंत क्या होगा किसी को समझ नही आ रहा क्योंकि कांग्रेस-जेडीएस हार मान नही रही है और बीजेपी कह रही है कि वो अब अल्पमत में हैं।