
जबसे जेएनयू में में बढ़ाई गई फीस के खिलाफ आंदोलन शुरू हुआ है तब से सरकार का बचाव कर रही भारतीय जनता पार्टी की सोशल मीडिया टीम लगातार जेएनयू के छात्रों के उम्र को लेकर सवाल उठाते हुए कह रही है कि जेएनयू के छात्र काफी वर्षों तक पढ़ाई करते हैं क्योंकि उन्हें सस्ती दरों पर शिक्षा मिल जाता है इसलिए फीस बढ़ाया जाना गलत नहीं है ऐसे में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र के डिग्री और डिग्री प्राप्त करने की उम्र का चर्चा किया जाना आवश्यक है ताकि लोगों को पता चले कि किस उम्र में लोग किस कक्षा तक पढ़ते हैं।
नरेंद्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान हलफनामे में बताया था कि उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए और गुजरात विश्वविद्यालय से एमए किया है.. नरेंद्र मोदी का जन्म 1950 का बताया जाता है.. नरेंद्र मोदी के BA की डिग्री में साफ लिखा है कि इसे 1979 में प्रदान किया गया था यानी उस वक्त नरेंद्र मोदी की उम्र 29 वर्ष रही होगी…
हालांकि डीयू में नरेंद्र मोदी के साथ पढ़ने वाला कोई क्लासमेट अब तक नही मिला है और इस डिग्री की सत्यता भी संदेहास्पद रही है क्योकि डीयू प्रशासन से जब भी इसके बारे में सवाल किया गया वह जवाब देने से साफ मुकर गया.. दिल्ली हाईकोर्ट में दाख़िल एक हलफ़नामे में डीयू ने कहा कि वह साल 1978 के बीए के विद्यार्थियों से जुड़ी जानकारी मुहैया नहीं करवा सकता…
अब आते हैं उनकी MA की डिग्री पर.. नरेंद्र मोदी ने गुजरात विश्वविद्यालय से 1983 में MA की डिग्री ली है.. नरेंद्र मोदी ने यह स्वयं बताया है कि 1983 में उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से आर्ट्स में परास्नातक की डिग्री प्राप्त की है यानी कि उस वक्त उनकी उम्र 33 वर्ष थी, यानी कि उनकी खुद की उम्र इस डिग्री के हिसाब से काफी अधिक थी..
कहा जाता है कि नरेंद्र मोदी से जशोदाबेन की शादी हुई तो वह 15 साल की थीं और नरेंद्र मोदी 17 साल के थे.. तब गुजरात के उंझा के नज़दीक ब्रह्मवाड़ा गांव में उनका विवाह हुआ था.. बताया जाता है कि नरेंद्र मोदी शादी के बाद 17 साल की उम्र में अपना घर छोड़कर निकल गए थे, तब तक उन्होंने केवल 10वीं तक की पढ़ाई बड़नगर के गुजराती मीडियम के भागवताचार्य नारायणाचार्य हाईस्कूल से पूरी की थी.. इंटर में उन्होंने एडमिशन तो लिया था, लेकिन इंटर पूरा किए बिना घर से चले गए थे… फिर वापस आकर मोदी ने दोबारा 12वीं पास की या नहीं, यह जानकारी भी किसी के पास उपलब्ध नहीं है…
यदि जशोदाबेन के साथ नरेंद्र मोदी के वैवाहिक रिश्ते सामान्य रहते तो 33 वर्ष की आयु में उनके बच्चे हाईस्कूल में पढ़ रहे होते और मान लीजिए कि यदि मोदी पीएचडी करते तो उनके बच्चे भी जेएनयू में उनके साथ पढ़ रहे होते…
मोदी को भगवान के तरह मानकर उनके हर गलती को अपने कुतर्क से सही ठहराने वाले बीजेपी सोशल मीडिया के कार्यकर्ता एक तरफ 33 साल की उम्र में MA करने वाले का समर्थन कर रहे हैं और दूसरी तरफ 31 साल की उम्र में PHD करने वाल्व कन्हैया कुमार को उम्र से बड़ा बता रहे हैं।
पीएचडी के छात्रों के उम्र को लेकर जोक बनाने वालों को थोड़ा सारी बातों को ध्यान में रखना चाहिए ताकि जो देश मे पीएचडी तक कि पढ़ाई करने वाले छात्रों के संख्या में वृद्धि हो सके।